दोस्तो इस पोस्ट में हम बात करेंगे की हम होली क्यों मनाते हैं ( why do we celebrate holi ) ?. और होली से जुड़ी बहोत शारी चीजे।
why do we celebrate holi | हम होली क्यों मनाते हैं ?
होली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। प्रहलाद और होलिका दहन की कहानी तो आपने सुनी ही होगी भारत में होली मनाने का एक मुख्य कारण इसी को माना जाता है। और इसके आलावा शिव पार्वती के विवाह की कहानी की वज्जह से भी कुछ जगहों पर होली मनाई जाती है. पूतना के वध के कारण भी होली मनाई जाती है. मथुरा और वृंदावन की होली राधा और श्री कृष्ण के प्रेम की कहानी से जुड़ी है. ढुंढी नाम की राक्षसी और पृथक राजा की कहानी की वजह से भी कुछ जगहों पर होली मनाई जाती है।
ये कुछ कारण थे की हम होली क्यों मनाते है ,अब हम इन सभी पर विस्तार से बात करते है।
प्रह्लाद और होलिका की कहानी :-
प्रह्लाद हिरण्यकश्यप पुत्र था। प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था. हिरण्यकश्यप अपने आप को भगवान मानता था और अपनी प्रजा से अपनी पूजा जबर्दश्ती करवाता था. पर प्रह्लाद उसकी बात नहीं मानता था वो भगवान विष्णु की पूजा किया करता था। तो हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मरने के बहोत प्रयास किये पर वो इस काम में असफल रहा।
तब हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने कहा ये काम वो खुद करगी। होलिका के पास इस चुनरी थी और उसको वरदान था की अगर वो इस चुनरी को ओढ़ कर आग में बैठेगी तो जलेगी नहीं। तो होलिका जब वो चुनरी ओढ़ कर प्रह्लाद को अपनी गोद में ले कर आग में बैठी तब प्रह्लाद बच गयें और होलिका जल कर राख हो गयी।
तभी से होली से एक दिन पहले शाम के समय होलिका दहन किया जाता है। और दूसरे दिन हम एक दूसरे को रंग लगते है खुशिया मनाते है।
शिव पार्वती के विवाह की कहानी :-
कहा जाता है की शिव जी एक बार तपस्या में लीन थे. और ताड़कासुर का पाप बढ़ता ही जा रहा था. तब देवराज इंद्र ने कामदेव को शिव की तपस्या को भंग करने को भेजा कामदेव शिव की तपस्या भंग करने में तो सफल रहे पर शिव जी ने कामदेव को ही भसम कर दिया। वही दूसरी और हिमालय की पुत्री पार्वती भी शिव से विवाह की कामना लिए तपस्या कर रही ही थी. शिव पार्वती के पुत्र के हाथो ताड़कासुर का वध होना था. तो सभी देवताओ ने शिव को पार्वती से विवाह के लिए मनाया।
इस तरिके से शिव पार्वती का विवाह हुआ, और तब से होली को प्यार की जित के उत्शव रूप में मनाया जाता है.
पूतना के वध की कहानी :-
जब श्री कृष्ण छोटे थे तब कंस जो की कृष्ण में मामा थे. और कंस को श्राप था की उसकी बहन देवकी के आठवा पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। कंस देवकी के सात बच्चो को तो मार चूका था पर कृष्ण का जन्म होते ही रात को गोकुल में नंद की नवजात पुत्री से बदल कर ले आये थे। जब कंस उस लड़की को मारने के लिए आया और जोर से फर्श पर पटका तो वो कड़कड़ाती हुयी आकाश में चली गयी। और आकाशवाणी हुयी की कंस तेरा अंत करने वाला जन्म ले चूका है.
उसके बाद कंस ने उस रात जन्मे सभी बच्चो को मारने के लिए अपने राक्षशो को भेजा। और जब राक्षसी पूतना अपना विषैला दूध पिलाने लगी तो कृष्ण ने उसका वध कर दिया। उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा थी और बुराई पर अच्छाई की जित हुई इस खुसी में गोकुल वाशियो ने उत्स्व मनाया।
राधा कृष्ण की प्रेम कहानी :-
मथुरा और वृंदावन की होली को राधा कृष्ण की प्रेम रंग की होली भी कहा जाता है। कृष्ण जी ने अपने बचपन में बहोत शारी लीलाये की थी उसका जीता जागता उदाहरण वृंदावन का प्रेम मंदिर है. जिमें कृष्ण जी की लीलाओ को बहोत अच्छे से दर्शाया गया है. राधा कृष्ण की प्रेम कहानी Click here
आप हमारा मथुरा यात्रा का वीडियो देख सकते है.
पृथक राजा की कहानी :-
पृथक नाम का एक राजा था काल ढुंढी नाम की एक राक्षसी हुआ करती थी. उसको वरदान प्राप्त था की वो नातो दिन में मरगी नाही रात में नाही मानव से नाही राक्षस से और नाही किसी देवता से तो वो नवजात बच्चो को मार क़र खा जाया करती थी। तो इस राज्य की सारी प्रजा इससे परेशान थी. तब वहा के राजपुरोहि ने बताया की फाल्गुन माश की पूर्णिमा को शाम के समय सभी बच्चो को एक जगह एकता किया गया और बिच में आग जला दी गयी. और बच्चे उसके बाहर चक्र लगते हुई मंत्रो का उच्चारण कर रहे थे तब राक्षसी बच्चो को देख कर उनको खाने आ गयी बच्चो के मंत्रो वह जल कर राख हो गयी। तब से भी होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।
तो ये थी हम होली क्यों मनाते हैं ( why do we celebrate holi ) से जुड़ी कुछ कहानिया है।
आप हमारा कालीबंगा वाला पोस्ट भी देख सकते है. Click Here
People also search (FAQ)
1950 में होली कब हुआ?
1950 में होली 30 मार्च को मनाई गई।
होली कितना साल में मनाया जाता है?
होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है.
होली का त्यौहार मनाने से किसी को कोई हानि न हो या कोई दुर्घटना न हो इसके लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगे ?
होली पर हमारा सुझाव यही है की नई रंगो का इस्तेमाल करे हो सके तो गुलाल से ही होली खेले और केमिकल वाले रंगो का इस्तेमाल न करे।
अगर सरकार की कोरोना को ले कर कोई Guide line है तो उसको जरूर follow करे।
How to make friends happy on Holi celebration?
अगर आप अपने दोस्तों को होली पर खुश करना चाहते है तो उन्हें उपहार दे कर खुश कर सकते है। इसके अलावा अच्छी अच्छी होली की सुभ कामनाओ वाली फोटो भेज कर भी खुश कर सकते है.
In which place is the festival of lath Holi popular?
उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा के पास बरसाना और नंदगाँव, जहाँ हर साल हजारों हिंदू और पर्यटक लठ मार होली मनाते है.
होलिका दहन के समय राजस्थान में किसान बीज लेकर क्यो जाते है
होली के समय तक खेतो से अनाज निकालने का काम शुरू हो चूका होता है. जब होलिका दहन होता है, तो किसान उस नये अनाज को होलिका दहन के समय उस आग में विसर्जित करने के बाद नये अनाज से खाना बनाना शुरू करते है।
2021 में होलिका दहन कब है ?
2021 में होलिका दहन 28 मार्च की शाम को होगा।
और रंग खेलने का समय 29 मार्च को सुबह होगा.
why do we celebrate holi | हम होली क्यों मनाते हैं ?
होली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये मनाया जाता है। प्रहलाद और होलिका दहन की कहानी तो आपने सुनी ही होगी भारत में होली मनाने का एक मुख्य कारण इसी को माना जाता है। और इसके आलावा शिव पार्वती के विवाह की कहानी की वज्जह से भी कुछ जगहों पर होली मनाई जाती है. पूतना के वध के कारण भी होली मनाई जाती है. मथुरा और वृंदावन की होली राधा और श्री कृष्ण के प्रेम की कहानी से जुड़ी है. ढुंढी नाम की राक्षसी और पृथक राजा की कहानी की वजह से भी कुछ जगहों पर होली मनाई जाती है।