दिवाली तो हम कई सालो से मना रहे है. और इतने वर्षो में ये भी जान गए है. की श्री राम की आयोध्या में वापसी के जसन के कारण दिवाली मनाई जाती है.
आज इस पोस्ट में हम जाने गए की किस तरह देश के अलग अलग हिसो में दीवली मनाने की अलग अलग वजहे मणि जाती है ( why we celebrate Diwali ). इन सभी अलग अलग धारणाओ के साथ अलग अलग कहानिया भी जुड़ी हुयी है. हमारी पीढ़ी इन दिनों भाई दूज और दिवाली जैसे त्यौहार मनाती तो है. पर इनसे जुड़ी हुयी कहानिया कहि खो सी है.
आज इस पोस्ट में हम आप को ऐसी त्यौहार से जुड़ी कुछ कहानिया बतायेगे। जो शायद आप को अब तक नहीं पता होगी।
1.South India :–
South India की कई जगहों पर दिवाली को नर्का सुर के वध के कारण मनाया जाता है. नर्का सुर एक राक्षस हुआ करता था. जिसने ईन्दर की माँ के ताज को चुरा लिया था। ईन्दर परेशान होकर श्री कृष्ण के पास जाते है. और प्रार्थना करते है. की वो उन्हें इस दुविथा से निकले। इसके बाद श्री कृष्ण सत्यभामा के साथ मील कर स्वर्ग लोक जाते है, और नर्का सुर का वध करने को त्यार रहते है. तो उन्हें पता चलता है, की नर्का सुर को उसकी माँ के द्वारा ही मारा जा सकता है. और बाद में श्री कृष्ण को पता चलता है, की सत्यभामा ही नर्का सुर की माँ है. नर्का सुर सत्यभामा के हातो मारा जाता है. और श्री कृष्ण ईन्दर की माँ को उसका ताज वापस कर देते है. ऐसी तरह बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में दिवाली मनाइ जाती है.
2. Returning Ram in Ayodhya :-
देश के बहुत बड़े हिसे में दिवाली को मनाने की वजह श्री राम की आयोध्या में वापसी है. 14 वर्षो का वनवास और रावण का वध कर के सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटते है. और उनके लौटने की खुशी में अयोध्या को सजाया जता है. और तभी से देश भर में दिये जला कर दिवाली मनाने की प्रथा शुरू हो गई।
3.Return of the pandawas:-
महाभारत के अनुसार जब पाण्डव भाई 12 वर्षो के वनवास के बाद वापस हस्तीनापुर लोटे थे तो वो दिन दिवाली का ही था। उस दिन हस्तीनापुर वासियो ने सजावट की और दिये जला क्र पुरे शहर को उज्वल करा था।
4.Stroy of King and Queen :-
ऐसा कहा जाता है की एक राजा था जिसका एक बेटा था , जिसके लिए ये खा गया था की वो अपनी सादी के एक दिन बाद मारा जाएगा। राजा आखिर में अपने बेटे की सादी करा देते है. उसकी पत्नी को भी ये बात पता लग जाती है,जिसपे की वो सोच विचार लगती है. रात को जब यमराज्ज उसके पती को लेने आते है , तो वो पुरे घर को दियो से सजा देते है. और अपने घर का सारा सोना अपने घर के बाहर रख है. यमराज उसके पति को लेने के लिए सांप रूप में आते है. सोने और लाइट की चमक के कारण उन्हें दिखना बंद हो जाता है. और वह उसके पती को लिए लोट जाते है. ऐसी प्रकार वह अपने पति की जान पचाने में सक्षम रहती है.वह यमराज को रोकने के लिए एक दीपक भी जलाती है, जिसे यमा दिपक भी खा जाता है.
5. Story of Yami and Yam :-
यामी और यमा जुड़वा भाई बहन थे. जो एक दूसरे बेहद नजदीक थे. ऐसा कहा जाता है, की आदिता जो यामी और यमा की माँ थी. उन्हें सूर्य की गर्मी नहीं लगती थी, और इसी कारण वह छाया निर्माण करती रही. इस बारे सूर्यदेव को नहीं पता था. और एक दिन मत भेद के कारण छाया श्राप देती है, और यमा की मृत्यु हो जजती है. यमा धरती पर ऐसे पहले व्यक्ती थे जिनकी मृत्यु हुई थी. और मृत्यु के बाद वो भगवान में बदल गए थे. इसलिए यमा हर साल एक बार अपनी बहन से मिलने वापस आते है. ऐसी प्रथा के कारण भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.
6. Why Sikh celebrate Diwali :-
दिवाली का दिन सिख समुदाय लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसी दिन तीसरे गुरु अमरदास तय था की दिवाली के दिन सभी सिख अपने गुरु की दुआ लेने आ सकेगे। और 1619 में दीवली के दिन ही गुरु हर गोविन्द जी को रहाई मिली थी. जीस कारन सिख समुदाय जशन ने मनाया था. इसके अलावा 1577 में दिवाली ही Golden Temple की नीव भी राखी गयी थी.
7. Hindu New Year :-
दिवाली को मनाने का एक कारण यह भी है, की इसे हिन्दुज्म के अनुसार नव वर्ष की शुरुवात के रूप भी मनाया जाता है. सभी व्यापारी अपने करज और ब्याज को चूका कर , एक नई सुरुवात करते है.
अंत में ये कहा जा सकता है. की दिवाली देश का एक बहुत बरा त्यौहार है. अलग अलग जगह की अलग वजह है. पर वजह कुछ भी हो। यह कहना बहुत सुरक्षित है की दिवाली देश बहुत बरी जनसँख्या को एक जुट करती है.
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